'); दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, नूरमहल आश्रम में रविवार को दिव्य दर्शन भवन के भीतर "मेरे सतगुरु प्यारे" शीर्षक के अंतर्गत एक विशेष कार्यक्रम

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, नूरमहल आश्रम में रविवार को दिव्य दर्शन भवन के भीतर "मेरे सतगुरु प्यारे" शीर्षक के अंतर्गत एक विशेष कार्यक्रम

Chief Editor
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अपना समय झूठे संसार की चर्चा या निंदा चुगली में लगाने की बजाय गुरु की चर्चा करनी चाहिए - साध्वी वैष्णवी भारती जी

जालंधर:- दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, नूरमहल आश्रम में रविवार को दिव्य दर्शन भवन के भीतर "मेरे सतगुरु प्यारे" शीर्षक के अंतर्गत एक विशेष कार्यक्रम किया गया।https://www.fastnews1.com/2024/01/blog-post_29.html



इस दौरान साध्वी वैष्णवी भारती जी ने बताया कि आज तक आपने संस्थान की ओर से देवी कथा, राम कथा, शिव कथा, कृष्ण कथा इत्यादि अनेकानेक कथाओं को श्रवण किया होगा, लेकिन आज के इस विशेष दिवस में उन्होंने गुरु कथा का गुणगान करते हुए बताया कि गुरु कथा एक ऐसी विलक्षण कथा है जो समस्त ग्रंथों का केंद्र बिंदु और सभी कथाओं  का सार है।https://www.fastnews1.com/2024/01/blog-post_29.html



जब कोई भक्त गुरुदेव की चर्चा या महिमा का गुणगान करता है तो वो भगवान के रूप में गुरु, भक्त के हृदय में सदा के लिए निवास करते हैं। साध्वी जी ने समझाया की इसलिए हमें अपना समय झूठे संसार की चर्चा या निंदा चुगली में लगाने की बजाय गुरु की चर्चा करनी चाहिएhttps://www.fastnews1.com/2024/01/blog-post_29.html 


 क्यूंकि गुरु की महिमा में इतनी शक्ति होती है कि वो एक हीन, दुखी एवं नकारात्मक व्यक्ति के भीतर ऐसी सकारात्मक ऊर्जा भर देते है की वो उसी समय दिव्यता को पाकर प्रफुल्लित हो उठता है। श्री गुरुदेव के दिव्य अनुभवों को श्रवण कर के समस्त श्रोतागण ने श्रवण सुख को प्राप्त किया और भावुक भजनों को श्रवण कर पंडाल में बैठे प्रत्येक साधक की आँखे गुरु के साकार दर्शन को पाने के लिए बह उठी।


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