ऐसे बना एएफएमसी कॉलेज
एएफएमसी यानी आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज की स्थापना 01 मई 1948 को हुई थी. यह देश के प्रमुख मेडिकल संस्थान है. यहां मेडिकल ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, नर्सिंग ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट, डेंटिस्ट पोस्ट ग्रेजुएट और पैरामेडिकल स्टाफ की पढ़ाई के साथ ट्रेनिंग दी जाती है. एएफएमसी एशिया में किसी भी देश के आर्म्ड फोर्सेज द्वारा स्थापित पहला मेडिकल कॉलेज है. यह संस्थान आर्म्ड फोर्सेज को सेवाकालीन ट्रेनिंग देकर स्पेशलिस्ट और मल्टी स्पेशलिस्टों के पूरे ग्रुप को उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार माना जाता है.
सेना में बनते हैं कमीशंड ऑफिसर
आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज (AFMC) से पढ़ाई करने वाले छात्रों के पास आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विस के तहत कमीशंड ऑफिसर के रूप में सेवा करने का अनिवार्य दायित्व है. कमीशन के प्रकार की पेशकश उपलब्ध रिक्तियों पर निर्भर करती है. प्रवेश के समय उम्मीदवारों के माता-पिता/अभिभावकों को एक बांड समझौते पर हस्ताक्षर करना आवश्यक होता है.
ऐसे मिलता है यहां एडमिशन
एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन की चाहत रखने वाले उम्मीदवार प्रवेश परीक्षा देने के लिए योग्य हैं यदि वह निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करते हैं.
उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना चाहिए या नेपाल या भूटान का नागरिक होना चाहिए या भारतीय मूल का व्यक्ति होना चाहिए, जो भारत में स्थाई रूप से बसने के इरादे से पाकिस्तान या किसी अन्य विदेशी देश से आया हो.
उम्मीदवारों को अविवाहित होना चाहिए. साथ ही कोर्स के दौरान शादी करने की अनुमति नहीं है.
सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार मेडिकल तौर पर फिट होना चाहिए.
एडमिशन पाने के लिए योग्यता
उम्मीदवारों को रेगुलर पढ़ाई पूरी की हुई होनी चाहिए. साथ ही पहले प्रयास में चुने गए सभी विषयों में अंग्रेजी, फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए और इन 3 साइंस विषयों को मिलाकर कुल मिलाकर 60% से कम अंक नहीं होना चाहिए. इसके साथ अंग्रेजी में 50% से कम अंक और साइंस के प्रत्येक विषय में 50% से कम अंक नहीं होने चाहिए. साथ ही कक्षा 10वीं की गणित की परीक्षा भी पास होनी चाहिए.
AFMC में कितनी है सीटें
इस कॉलेज में एडमिशन कुल 130 छात्रों का होता है. इसमें से 105 लड़के और 25 लड़कियां होती हैं. इसके साथ ही छात्रों को नीट की परीक्षा को भी पास करना होता है.