'); दिव्य ज्योति जागृती संस्थान, शाखा कपूरथला द्वारा शहर में संस्थान के सामाजिक प्रकल्प 'बोध' (नशा उन्मूलन कार्यक्रम) के अंतर्गत विशाल पद यात्रा (The Grand Walkathon) का आयोजन किया गया.

दिव्य ज्योति जागृती संस्थान, शाखा कपूरथला द्वारा शहर में संस्थान के सामाजिक प्रकल्प 'बोध' (नशा उन्मूलन कार्यक्रम) के अंतर्गत विशाल पद यात्रा (The Grand Walkathon) का आयोजन किया गया.

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श्री आशुतोष महाराज जी ने कहा मानव अगर संकल्प शक्ति और ब्रह्म ज्ञान का सहारा ले तो निश्चय इस नशे की लत से बाहर आ सकता है।

कपूरथला:- दिव्य ज्योति जागृती संस्थान, शाखा कपूरथला द्वारा शहर में संस्थान के सामाजिक प्रकल्प 'बोध' (नशा उन्मूलन कार्यक्रम) के अंतर्गत विशाल पद यात्रा (The Grand Walkathon) का आयोजन किया गया। इस पद यात्रा के आयोजन के पीछे उद्देश्य समाज को नशे के प्रति जागरूक करना रहा। मुख्य अतिथि के रूप में इस पदयात्रा को झंडी देकर रवाना करने के लिए रोशन प्रिंस (प्रसिद्ध गायक और अभिनेता) पहुंचें। पद यात्रा में हजारों की संख्या में युवाओं ने भाग लिया। जिसमें नशा विरोधी झांकियां, देशभक्ति की झांकियां, नुक्कड़ नाटक एवं अन्य प्रेरणाओं द्वारा समाज को नशे के प्रति जागृत करने का प्रयास किया गया। 

मुख्य अतिथि के रूप में इस पदयात्रा को झंडी देकर रवाना करने के लिए रोशन प्रिंस (प्रसिद्ध गायक और अभिनेता) पहुंचें।

इसके विषय में जानकारी देते हुए श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी विश्वानंद जी ने कहा नशा हमारे समाज में फैली हुई वह दलदल है जिसके अंदर यदि व्यक्ति एक बार चला गया तो उसको उससे बाहर लाना असंभव लगता है जब व्यक्ति प्रथम चरण में नशे को आरंभ करता है तो उस समय नशा उसके लिए शौक, मज़ा, स्टेटस सिंबल होता है किंतु बाद में वही शौक उसके लिए सजा और आदत बन जाता है। जिससे घर, परिवार और समाज में झगड़ा होता है। नशे के कारण व्यक्ति मानसिक रूप से पीड़ित होकर अपने जीवन से हाथ धो बैठता है। नशा आज हमारे समाज की बेहद जटिल और बहुआयामी समस्या है जो देश के सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक ताने बाने को क्षति पहुँचा रहा है। नशीली दवाओं की लत लगातार बढ़ने से निजी जीवन में अवसाद, पारिवारिक कलह, पेशेवर अकुशलता और सामाजिक सह-अस्तित्व की आपसी समझ मे समस्याएं सामने आ रही हैं। हमारे युवा नशे की लत के ज्यादा शिकार हैं। चूँकि युवावस्था में कैरियर को लेकर एक किस्म का दबाव और तनाव रहता है। ऐसे में युवा इन समस्याओं से निपटने के लिए नशीली दवाओं का सहारा लेते हैं और अंततः समस्याओं के कुचक्र में फंस जाते हैं। इसके साथ ही युवा एक गलत पूर्वधारणा का भी शिकार होते हैं। उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर धुएँ के छल्ले उड़ाना और महँगी पार्टीज में शराब के सेवन करना उच्च सामाजिक स्थिति का प्रतीक भी जान पड़ता है। विद्यार्थियों के रहने की जगहों के आसपास आप अक्सर नशे के व्यापार को देखते-सुनते भी होंगे। साध्वी 

पद यात्रा में हजारों की संख्या में युवाओं ने भाग लिया। जिसमें नशा विरोधी झांकियां, देशभक्ति की झांकियां, नुक्कड़ नाटक एवं अन्य प्रेरणाओं द्वारा समाज को नशे के प्रति जागृत करने का प्रयास किया गया। 

गुरप्रीत भारती जी ने कहा इन सब समस्याओं के कारण मानव मन अस्वभाविक दुखों का कारण बनता है। समाज में बहुत सारे नशा छुड़वाने के प्रयास होते हैं लेकिन यदि व्यक्ति का मन ही नशे की लत को छोड़ना नहीं चाहेगा तो फिर बाहरी प्रयासों का भी कोई औचित्य नहीं रह जाएगा। संस्थान का यह सामाजिक प्रकल्प बोध नशा उन्मूलन कार्यक्रम इसी दिशा में कार्यरत है श्री आशुतोष महाराज जी ने कहा मानव अगर संकल्प शक्ति और ब्रह्म ज्ञान का सहारा ले तो निश्चय इस नशे की लत से बाहर आ सकता है। इस अवसर पर राणा गुरजीत सिंह,(विधायक), दीपक बाली, कुलवंत कौर (मेयर), गुरपाल सिंह (चेयरमैन इंप्रूवमेंट ट्रस्ट), रंजीत सिंह खोजेवाल, परविंदर Dhot, कंवर इकबाल, नेहा शर्मा, चेतन सूरी, प्रशोतम पासी, सुभाष मकरंदी, राकेश चोपड़ा, उमेश शारदा, सुरिंदर मोहन, श्याम सुंदर अग्रवाल, रिम्पी, परमजीत पम्मा, नरेश पंडित, पवन धुना, यज्ञ दत्त ऐरी, दीपक सलवान सहित और भी महानुभाव उपस्थित रहे। अंत में स्वामी सज्जनानंद जी ने सभी का हार्दिक धन्यवाद करते हुए कहा इस पद यात्रा की विशेषता यह भी रही कि इसमें हजारों की संख्या में जहां युवा लड़कों ने भाग लिया वहीं पर इस पद यात्रा में हजारों की संख्या में युवा लड़कियों ने भी भाग लिया। नशे की लत धीरे धीरे हमारे देश की बेटियों को भी अपनी चपेट में ले रही है। जिससे युवा देश कहलाने वाला भारत देश कहीं अपनी युवा पीढ़ी को खो ही ना दे। हमें नशे के प्रति खुद भी जागरूक रहना होगा और अन्यों को भी जागरूक करना होगा। स्थान स्थान पर लोगों ने पदयात्रा को खूब सराहा।

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